बचपन में छोड़ा स्कूल, 21 की उम्र में गिनीज बुक में दर्ज कराया नाम
यहां जानिए एक ऐसे युवा की कहानी जिसने अपने जुनून कि खातिर स्कूल छोड़ा और आज दुनियाभर में नाम कमा के बैठा है. बहुत दिलचस्प इनकी कहानी आप भी पढ़ें.
हम एक ऐसे युवा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसने कम उम्र में ही अपने दिल की सुनी और आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक जाना पहचाना नाम है. इनकी कहानी भारत के एजुकेशन सिस्टम पर सवाल खड़ा करती है कि, क्या बस्ते के बढ़ते बोझ और क्लास में फर्स्ट आने की गला काट प्रतियोगिता से ही शोहरत और ज्ञान हासिल किया जा सकता है.
ये कहानी है एक लड़के की जो आज अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त एथिकल हैकर है, लेखक है, साइबर क्राइम कंसलटेंट है, इन्वेस्टिगेटर है और खुद ही कंपनी का मालिक भी है. इनका नाम है मनन शाह, उम्र 22 साल है और ये गुजरात के रहने वाले हैं. इनकी कंपनी का नाम है अवालांस सिक्टोरिटी.
इन्हें 14 की उम्र में घरवालों ने पहले कम्प्यूटर दिलाया और इनके खुद के जोश ने इन्हें 15 की उम्र में ही कम्प्यूटर का मास्टर बना दिया. 16 के होते ही इन्होंने अलग-अलग वर्जन में Black Xp तैयार किया जिसे दुनियाभर में लाखों लोगों ने डाउनलोड किया. इनके जुनून ने धीरे-धीरे कामयाबी के इन्हें सीढ़ियों तक पहुंचा दिया और 18 की उम्र में ही एथिकल हैकर के रूप में एक नई पहचान मिल गई.
मनन ने XSS, CSRF, Metaspoilt और फ्रेमवर्क पर रिसर्च भी किया हुआ है. जब मनन 20 के थे तब इन्होंने Twitter, Yahoo, Facebook, Nokia, Blackberry, PayPal, Skype, Dropbox, Google, Apple, Microsoft, Ping.fm, Adobe, Soundcloud, Samsung, IIT, MIT, Harvard, Stanford जैसे वेब ऐप्स में बग्स ढूंढ निकाला और संबंधित कंपनियों को रिपोर्ट भी किया.
21 की उम्र में इन्होंने अपनी साइबर सिक्योरिटी कंपनी का निर्माण किया और 22 की उम्र में मनन को माइक्रोसॉफ्ट सिक्योरिटी रिस्पॉन्स सेंटर (MSRC) के टॉप 100 एथिकल हैकर की सूची में भी शामिल किया गया. मनन ने साइबर सिक्योरिटी पर ढेरों वर्कशॉप भी कंडक्ट किए हैं. बहरहाल कैशलेस इकोनॉमी की तरफ बढ़ते भारत में मनन जैसे युवाओं की बहुत जरुरत है उम्मीद है मनन की समझ भारत को साइबर सिक्योरिटी के मामले में नंबर 1 में काफी मदद करेगा.
0 Comments
Start discussion